UCC Gujarat:उत्तराखंड के बाद अब गुजरात में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू होने की संभावना है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इसके लिए एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी को 45 दिनों के भीतर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। इस रिपोर्ट के आधार पर गुजरात सरकार समान नागरिक संहिता लागू करने का अंतिम फैसला लेगी। इस कदम को लेकर भाजपा सरकार ने कहा कि पार्टी जो वादा करती है, उसे पूरा भी करती है।
सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस के नेतृत्व में कमेटी
गुजरात में समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। उनके साथ चार अन्य सदस्य भी होंगे, जिनमें सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सी.एल. मीना, एडवोकेट आर.सी. कोडेकर, पूर्व कुलपति दक्षेस ठाकर और सामाजिक कार्यकर्ता गीताबेन श्रॉफ शामिल हैं। यह समिति राज्य में UCC की जरूरत और उसके प्रभावों का अध्ययन करेगी।
सीएम भूपेंद्र पटेल का बड़ा बयान
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। अनुच्छेद 370 हटाने, तीन तलाक कानून लाने और एक राष्ट्र, एक चुनाव जैसे वादों को पूरा करने के बाद अब समान नागरिक संहिता लागू करने की बारी है। उन्होंने कहा कि यह कानून सभी नागरिकों को समान अधिकार देने के लिए जरूरी है और इसे जल्द से जल्द गुजरात में लागू किया जाएगा।
गृह मंत्री हर्ष संघवी ने क्या कहा?
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने UCC को संविधान की भावना बताया। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने से राज्य के सभी नागरिकों को एक समान अधिकार मिलेगा। इससे समाज में समरसता और समानता स्थापित होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह कानून किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि सभी नागरिकों को एक समान अधिकार देने के लिए लाया जा रहा है।
उत्तराखंड में पहले ही लागू हो चुका है UCC
गौरतलब है कि उत्तराखंड में 27 जनवरी 2025 को UCC लागू किया गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे लागू करते हुए कहा था कि यह संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि है। उत्तराखंड में UCC प्रदेश और बाहर रहने वाले सभी निवासियों पर लागू होगा, हालांकि अनुसूचित जनजातियों को इससे छूट दी गई है। अब गुजरात भी इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC)?
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गोद लेने और संपत्ति के बंटवारे जैसे मामलों में समान कानून लागू होगा। अभी भारत में धर्म और जाति के आधार पर अलग-अलग पर्सनल लॉ लागू होते हैं। संविधान के अनुच्छेद 44 में सरकार को सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है। अब देखना होगा कि गुजरात सरकार कब इसे लागू करने का अंतिम फैसला लेती है।