‘आयुष्मान’ की रीढ़ बने 500 स्वास्थ्य मितान की छीनी नौकरी, दुखी कर्मचारियों ने सरकार से लगाई गुहार
बिलासपुर से पीयूष घोरे की रिपोर्ट। छत्तीसगढ़ की “विष्णुदेव’ सरकार ने “आयुष्मान” कर्मचारियों को बड़ा झटका दे दिया। सरकार ने एक साथ 500 “स्वास्थ्य मितान’ कर्मचारियों की नौकरी छीन ली। 10 साल से आयुष्मान भारत के तहत छत्तीसगढ़ को अग्रणी बनाने में जुड़े कर्मचारी सड़क पर आ गए। बेरोजगार कर्मचारियों को खाने तक के लाले पड़ गए। हैरान-परेशान 33 जिलों के कर्मचारी जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य मंत्री की दहलीज तक पहुंचे। दरवाजा खटखटाया। पीड़ा सुनाई…लेकिन मिला क्या…सिर्फ आश्वासन। अब कर्मचारियों ने बड़े आंदोलन करने की ठान ली है। कर्मचारियों का कहना है कि हम अपने परिवार के साथ सरकार के सामने प्रदर्शन करेंगे।

अब समझिए पूरा मामला
छत्तीसगढ़ सरकार ने भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना को अग्रणी बनाने के लिए थर्ड पार्टी कंपनी को टेंडर दिया। कंपनी ने 10 साल पहले सभी जिलों में 500 कियोस्क ऑपरेटर ‘स्वास्थ्य मितान’ को नौकरी पर रखा। 10 साल से सरकार की योजना के लिए काम कर रहे इन कर्मचारियों ने जन-जन को आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए जागरूक किया। योजना का लाभ कैसे मिलेगी? घर-घर जाकर लोगों को समझाया। क्लेम वेरिफिकेशन और अपलोडिंग करने का तरीका बताया। दिनरात मेहनत करके कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ को टॉप पर पहुंचाया। कड़ी मशक्कत और मेहनत के बदले कर्मचारियों को सजा मिली।

29 अप्रैल को आया मेल…कर्मचारियों को लगा धक्का
29 अप्रैल 2025 को थर्ड पार्टी कंपनी ने सभी कर्मचारियों को जी-मेल(Gmail) भेजा। मेल पर लिखा-प्रिय सभी…नमस्कार। आपको सूचित किया जाता है कि हमें अप्रैल 2025 के महीने के लिए एसएनए, छत्तीसगढ़ से कोई विस्तार संचार प्राप्त नहीं हुआ है। इसके अतिरिक्त मई 2025 के लिए परियोजना की निरंतरता के बारे में कोई अद्यतन या संचार नहीं है। सरकार से किसी भी आधिकारिक संचार के अभाव में कृपया 30 अप्रैल 2025 को अपना अंतिम कार्य दिवस (LWD) मानें, क्योंकि उस तिथि तक परियोजना बंद हो चुकी है। यदि हमें अधिकारियों से कोई और निर्देश या अपडेट प्राप्त होता है, तो हम तुरंत उसे सूचित करेंगे। आपकी समझ और सहयोग के लिए धन्यवाद।

हे…”विष्णुदेव साय ये क्या कर दिया
मेल पढ़ते ही कर्मचारियों को बड़ा धक्का लगा। कर्मचारियों की आंखों में आंसू छलकने लगे। सिर पर हाथ रखकर जमीन पर बैठे कर्मचारी सोचने लगे कि अब कैसे बच्चों को पालूंगा। क्या खिलऊंगा। कहां से पैसे लाऊंगा। इतनी जल्दी नौकरी कहां से मिलेगी। चिंचित कर्मचारियों के मुंह से निकला हे…”विष्णुदेव साय देव’ या क्या दिया। पीड़ित कर्मचारियों ने कहा-मेरे नहीं तो कम से कम मेरे परिवार के बारे में सोचते। मेहनत का फल तो कभी दिया नहीं। नौकरी भी छीन ली।
स्वास्थ्य मंत्री का भी खटखटाया दरवाजा, मिला सिर्फ आश्वासन
मेल मिलने के बाद कर्मचारियों ने अपने-अपने जिलों के सीएमएचओ, कलेक्टर को पूरी जानकारी दी और वापस नौकरी पर रखने की मांग की। कलेक्टर ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया और कुछ नहीं किया। कर्मचारी एक जुट हुए। फिर सभी कर्मचारी एक साथ स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के दरवार पहुंचे। मुलाकात कर अपनी पीड़ा सुनाई और नौकरी न छीनने की गुहार लगाई। मंत्री जी ने भी उनकी बात सुनी। आश्वासन दिया और कुछ नहीं किया।
आगे क्या: सरकार की दहलीज पर प्रदर्शन करेंगे कर्मचारी
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी के आश्वासन को कई दिन बीत गए हैं। अभी तक कर्मचारियों को न पुरानी सैलरी मिली और न ही नौकरी पर रखने का कोई आदेश। परेशान कर्मचारी अब आंदोलन करने की तैयारी में हैं। कर्मचारियों ने रूपरेखा तैयार कर ली है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने उन्हें नौकरी पर नहीं रखा तो उनकी दहलीत पर प्रदर्शन करेंगे। बीवी-बच्चों धरना देंगे। नौकरी नहीं छीनने की गुहार लगाएंगे।