बिलासपुर रेल हादसे के बाद अब जांच और कार्रवाई दोनों तेज हो गई हैं। हादसे के चौबीस घंटे बाद पुलिस ने बड़ा कदम उठाते हुए अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह कार्रवाई रेलवे की ओर से मिले मेमो के आधार पर की गई है।



4 नवंबर की शाम बिलासपुर के लालखदान इलाके में हुई इस भीषण रेल दुर्घटना ने पूरे प्रदेश को हिला दिया था। मेमू लोकल ट्रेन खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई थी, जिसमें 11 यात्रियों की मौत और 20 से अधिक लोग घायल हुए थे। हादसे के बाद रेलवे और पुलिस, दोनों ने अलग-अलग जांच शुरू की थी।



अब रेलवे से आए मेमो के आधार पर तोरवा थाना पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मामले में रेलवे एक्ट की धारा 106(1), 125(ए), 153, 154 और 175 लगाई गई हैं। इन धाराओं में गंभीर लापरवाही, रेल सुरक्षा में बाधा डालना और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे अपराध शामिल हैं।



पुलिस अब यह जांच कर रही है कि हादसे की वजह तकनीकी खराबी थी, मानव भूल या फिर किसी की लापरवाही। वहीं रेलवे प्रशासन ने भी तकनीकी जांच समिति गठित की है, जो हादसे की परिस्थितियों और सिग्नलिंग सिस्टम की जांच कर रही है।



फिलहाल हादसे के जिम्मेदारों की तलाश जारी है।
सरकार मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख और घायलों को ₹50 हजार की आर्थिक सहायता पहले ही घोषित कर चुकी है। अब सबकी निगाहें जांच रिपोर्ट पर हैं, जो यह तय करेगी कि आखिर बिलासपुर रेल हादसे का असली दोषी कौन है।