Ghaziabad Jaipuria SchoolGhaziabad Jaipuria School

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिला शुल्क नियामक समिति (DFRC) ने फीस वृद्धि मामले में जयपुरिया स्कूल प्रबंधन को क्लीनचिट दे दी। कुछ पैरेंट्स ने इस पर आपत्ति जताते हुए हाइटकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की थी, लेकिन डिस्ट्रिक फी रेगुलेटरी कमेटी ने उनकी आपत्तियों को खारिज करते हुए कुछ भी नियम विरुद्ध होने से इनकार किया है।

एक्ट के तहत ली जा रही फीस 
प्राइवेट स्कूलों में फीस निर्धारण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कानून बनाया है। डिस्ट्रिक फी रेगुलेटरी कमेटी इस पर निगरानी रखती है।DFRC ने तमाम कागजात को देखने के बाद सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल के पक्ष में फैसला दिया है। बताया कि गाजियाबाद का जयपुरिया स्कूल यूपी फीस रेगुलेशन एक्ट के तहत ही फीस ले रहा है। इसमें कहीं भी कुछ गलत नहीं है।

नहीं हुई नियमों की अवहेलना
स्कूल प्रबंधन ने प्रेस नोट जारी कर मामले से जुड़ी जानकारी दी है। बताया है कि न तो गैरकानूनी तरीके से फीस बढ़ाई गई है और न ही इस संबंध में नियमों की अनदेखी की गई। पिछले 5 साल में 4 हजार एडमिशन हुए हैं। इनमें से 172 पेरेंट्स ने शिकायत की थी, लेकिन उनमें से भी ज्यादातर अब स्कूल के निर्णय से संतुष्ट हैं।

4000 से एडमिशन
स्कूल प्रबंधन के मुताबिक, 2019-20 के बाद से 4 हजार पैरेंट्स ने अपने बच्चों का एडमिशन कराया है। ज्यादातर ने नई फीस पर संतुष्टि जताई है। क्योंकि फीस निर्धारण उत्तर प्रदेश फीस रेगुलेशन एक्ट-2018 की धारा 4 (2) के तहत ही किया गया है। 4000 में से जिन 170 अभिभावकों ने फीसवृद्धि का विरोध किया था, उनमें से भी कई लोगों ने अपनी सहमति जारी कर दी है।

बातचीत से निकालेंगे हल 
स्कूल प्रबंधन के मुताबिक, अभी 105 पैरेंट्स फीस वृद्धि के खिलाफ हैं, उन्हें मीटिंग कर समस्या का समाधान निकालने को कहा गया है। बातचीत के जरिए ही उनकी समस्या का समाधान संभव है। इस दौरान यह भी कोशिश होगी कि अगर किसी पैरेंट्स की माली हालत ठीक नहीं तो स्कूल स्तर पर उनकी मदद की जाएगी।